इंदौर. हाई कोर्ट की नाराजगी के बाद निगम निगम ने ऐतिहासिक धरोहरों को अतिक्रमण मुक्त करने की मुहिम तेज कर दी है। गुरुवार को नगर निगम की टीम दल - बल के साथ बोलिया सरकार की छतरी पर अतिक्रमण हटाने पहुंचा। यहां बड़ी संख्या में लोगों ने स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण कर छतरी को नुकसान पहुंचाया है। यहां अपर आयुक्त श्रृंगार श्रीवास्तव ने छतरी के आसपास निर्माण करने वालों के कागज देखे और फिर कार्रवाई को अंजाम दिया।
कोर्ट ने जाहिर की थी नाराजगी
एमजी रोड स्थित बोलिया सरकार छतरी के पास से अतिक्रमण नहीं हटाए जाने पर 21 फरवरी को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की थी। कोर्ट ने नगर निगम को आदेश दिए थे कि 27 फरवरी तक अतिक्रमण हटाकर पालन रिपोर्ट पेश करें। पिछली सुनवाई पर हाई कोर्ट ने नगर निगम को दस दिन का समय देकर जवाब देने को कहा था।
भारत रक्षा मंच की ओर से यह जनहित याचिका दायर की गई है। मंच की ओर से अधिवक्ता आरके पंडाग्रे, देवेंद्र पेंडसे पैरवी कर रहे हैं। याचिका में उल्लेख किया है कि छतरी के प्रवेश द्वार के दोनों ओर अतिक्रमण है, जबकि छतरी ऐतिहासिक महत्व की है। नगर निगम ने इस याचिका के जवाब में पहले कहा था कि छतरी के आसपास किसी तरह का अतिक्रमण नहीं है। फिर याचिकाकर्ता ने प्रत्युत्तर पेश करते हुए अतिक्रमण के प्रमाण पेश किए थे। हाई कोर्ट ने प्रमाण देखने के बाद कार्रवाई करने के आदेश दिए थे।
छतरी का कायाकल्प किया जा रहा, लेकिन प्रवेश द्वार की दुर्दशा पर ध्यान नहीं
नगर निगम हेरिटेज वॉक के तहत छतरी का कायाकल्प कर रहा है, लेकिन इसके प्रवेश द्वार की दुर्दशा पर ध्यान नहीं है। बगैर निगम से नक्शा स्वीकृत दुकानें चल रही हैं। ऐतिहासिक द्वार को भी काफी नुकसान पहुंचाया जा चुका है। छतरी तो दूर से नजर आती है, लेकिन प्रवेश द्वार नजर नहीं आता।