प्रदेशभर में कारतूसों की खरीदी-बिक्री के मार्फत अवैध हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए आईजी ने मुख्यालय को दिया सुझाव

इंदौर. प्रदेशभर में कारतूसों की खरीदी-बिक्री के मार्फत अवैध हथियारों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए आईजी ने मुख्यालय को एक पत्र लिखा है। उन्होंने सुझाव दिया है कि अवैध हथियार बनाए जा सकते हैं, लेकिन कारतूस तो लाइसेंसी जगहों से खरीदे जा रहे हैं। इसलिए हथियार बेचने वाले आर्म्स डीलरों के लिए नियम कायदे तय होना चाहिए।


 
आईजी विवेक शर्मा ने गुरुवार को पुलिस कंट्रोल रूम में एक प्रेस वार्ता में बताया कि प्रदेश के कई इलाकों में अवैध हथियार बनाए जा रहे हैं। उन्हें रोकने में काफी परेशानी आ रही है, हालांकि पुलिस लगातार कार्रावई कर रही है। इसी दौरान पाया गया है कि सिकलीकर गैंग हथियार तो बना लेती है, लेकिन गोलियां नहीं बना पाते। ये गैंग आर्म्स बेचने वाले डीलरों से ही सांठ-गांठ कर गोलियां ले जाते हैं। यदि इन पर नकेल कसी जाए तो काफी हद तक अवैध हथियारों का निर्माण और खरीद फरोख्त रुक जाएगी।


आईजी के मुताबिक एक हजार लाइसेंसी हथियारधारियों पर एक डीलर नियुक्त होना चाहिए। यह तय होना चालिए कि ये लाइसेंसी हथियारधारी एक ही डीलर से गोलियां खरीद सकेंगे। अभी लाइसेंसी हथियारधारी कहीं से भी गोलियां खरीद सकते हैं। दूसरा बिंदू दिया कि एक डीलर 50 से 100 कारतूस देता है। जब भी कोई दूसरी बार कारतूस खरीदने आए तो उसे पुराने कारतूसों का खोल वापस देना होगा। यदि किसी कारणवश उसका खोल गुम हो गया हो तो उसे एक महीने के भीतर पुलिस थाने में आवेदन देकर उसकी रिपोर्ट लेना होगी। फिर वह रिपोर्ट डीलर को दे, क्योंकि गोलियां-कारतूस कोई रोजमर्रा की चीजें नहीं है। अभी बिना खाली खोल के भी गोलियां खरीदी-बेची जाती हैं। आईजी का कहना है कि उन्होंने यह सुझाव दिया है। यदि यह पूरे प्रदेश में लागू हो गया तो अवैध हथियारों के निर्माण और उनके लिए असले की तस्करी बंद हो जाएगी।